- 11 Posts
- 27 Comments
अख़बार मैं एक खबर को पढ़कर लगा की प्रदेश सरकार यक़ीनन काम तो वाकई मैं काबिले तारीफ कर रही है पर थोडा असमंजस मैं भी हूँ .. मध्य प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश मैं स्वास्थ सेवाओं को और बेहतर बनाने एवं अपने डॉक्टरों, नर्सो, अन्य स्वास्थ कर्मियों पर शिंकंजा कसने और सेवाओं पर निगरानी रखने के उदेश्य से ‘जीपीएस प्रणाली’ (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) से जोड़ने जा रही हैं। इसके तहत राज्य, जिला, ब्लाँक मुख्यालय पर तैनात अफसरों से लेकर कर्मचारियों तक को इस जीपीएस प्रणाली की जद मैं लाया जायेगा और इसकी सहायता से प्रदेश की राजधानी से स्वास्थ विभाग के सभी कर्मचारियों पर एवं उनकी लोकेशन पर सेटेलाइट के माध्यम से नज़र रखी जा सकेगी।
देर से ही सही पर एक स्वागत योग्य योजना इससे यह बात भी सिद्ध तो हो ही जाती है की ग्रामीण अंचलो मैं तैनात स्वास्थ कर्मचारी अपनी सेवाओं को अभी तक कितनी मुस्तैदी से अंजाम दे रहे थे, अभी तक तो सुनने और देखने मैं आया था की इस ‘जीपीएस प्रणाली’ की सहायता से सरकार द्वारा अपने विलुप्त प्राय वन्य प्राणियों (खासकर टाइगर्स )की सुरक्षा और देखभाल हेतु निगरानी की जाती थी .. अब डॉक्टरों की निगरानी की जाएगी ..!!
सही है .. आप लोगो ने भी अगर कभी ध्यान दिया हो तो आप मेरी इस बात से सहमत होंगे की कई ग्रामीण जब स्वास्थ सम्बन्धी समस्यों को लेकर शहर में आते है तो वो उतने ही विस्मयता से डाक्टरों के दर्शन करते है जैसे की जंगल या वन विहार में हम या बच्चे टाइगर्स के दिख जाने पर ..!!
Read Comments